जरा-जरा
एक जमाना गुजार था गया,
पर याद आने लगा जरा-जरा |
दुनिया का आलम बेदर्दी बड़ा,
जख्मों-जख्म
ये देता हरा-हरा ||
देखने को यहाँ सभी मूक हैं,
पर कहते बोलता हूँ खरा-खरा |
एक जमाना गुजार था गया,
पर याद आने लगा जरा-जरा ||
मेरा वागों में खुलकर टहलना,
खलिहानों का होना ओं भरा-भरा |
एक जमाना गुजार था गया,
पर याद आने लगा जरा-जरा ||
नहरों के तट पर वो मिलना-बिछड़ना,
आने लगा सामने वो चेहरा डरा-डरा |
एक जमाना गुजार था गया,
पर याद आने लगा जरा-जरा ||
प्रो. कृष्ण कुमार शर्मा
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